Monday, August 19, 2024

Income Tax Notice

 

ITR Filing: आपने तो नहीं किया झूठा डिडक्शन ? इस तरह लोगों को चुन-चुन कर Notice भेज रहा Income Tax विभाग


        पिछले साल आयकर विभाग (Income Tax Department) ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कुछ ऐसे कर्मचारियों की पहचान की थी, जिन्होंने टैक्स छूट (Tax Exemption) पाने के लिए झूठी डिडक्शन की थीं. इसके चलते कुछ कर्मचारियों की टैक्स देनदारी कम हो गई तो कुछ की टैक्स देनदारी (Tax Liability) खत्म ही हो गई.

        इस साल फिर से आयकर विभाग ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटा है, ताकि उन्हें नोटिस (Income Tax Notice) भेजकर कार्रवाई की जा सके. आयकर विभाग की तरफ से बार-बार तमाम एंप्लॉयर्स से भी कहा जाता है कि वह कंपनी के कर्मचारियों को झूठे डिडक्शन (ITR Filing False Deduction) करने के खिलाफ चेतावनी देते रहें.

        आयकर विभाग का कहना है कि कंपनी के कर्मचारियों ने फॉर्म-16 से अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम की हैं. ज्यादा डिडक्शन क्लेम करने का मतलब ये नहीं है कि वह झूठी ही हैं, लेकिन इससे एक शक पैदा होता है कि वह झूठी हो सकती हैं.

        ऐसे मामलों में आयकर विभाग नोटिस भेजकर डिडक्शन का प्रूफ मांग सकता है या इनकम का सोर्स पूछ सकता है. अगर आप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो आप पर अतिरिक्त टैक्स देनदारी बन सकती है. यहां तक कि आपको पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है और जितने दिन देर से आपसे टैक्स चुकाते हैं, उसका ब्याज भी चुकाना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

ध्यान रखें ये बात, वरना होगी दिक्कत

        जब भी कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता को टैक्स डिडक्शन क्लेम करते हुए इन्वेस्टमेंट प्रूफ देता है, तो नियोक्ता की जिम्मेदारी उसे आयकर विभाग को सूचित करना होगा है. इनकम टैक्स से जुड़े तमाम प्रूफ, जो कर्मचारी की तरफ से कंपनी में सबमिट होते हैं, उसे नियोक्ता को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 192 (2डी) के तहत आयकर विभाग को देना होता है. इसी से आयकर विभाग समझ पाता है कि आपने कहां-कहां निवेश किया है.

        यही जानकारी आपकी फॉर्म-16 में भी होती है. वहीं अगर आप इससे अधिक का टैक्स डिडक्शन लेते हैं तो वह फॉर्म-16 के आंकड़ों से मेल नहीं खाता और आयकर विभाग नोटिस भेजकर उस पर आपकी सफाई या सबूत मांग सकता है.

Saturday, August 17, 2024

22 डिब्‍बे पटरी से उतरे

कानपुर में ट्रेन हादसा, साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्‍बे पटरी से उतरे, वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी

कानपुर में भीमसेन के पास शुक्रवार रात करीब ढाई बजे साबरमती एक्‍सप्रेस के 22 डिब्‍बे पटरी से उतर गए। बताया जा रहा है कि पटरी पर रखे बोल्‍डर की वजह से यह हादसा हुआ है। फिलहाल हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Sunday, August 4, 2024

ITR फाइलिंग-


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ITR Filing: क्या आपने ये सोचकर लास्ट डेट तक भी नहीं भरा आईटीआर? अब लगेगा जुर्माना! ठीक से समझ लें Income Tax का नियम

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) निकल चुकी है. बहुत से लोगों ने अभी तक आईटीआर नहीं भरा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक गलतफहमी के चलते आईटीआर नहीं भरा है 

ITR Filing: क्या आपने ये सोचकर लास्ट डेट तक भी नहीं भरा आईटीआर? अब लगेगा जुर्माना! ठीक से समझ लें Income Tax का नियम

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) निकल चुकी है. बहुत से लोगों ने अभी तक आईटीआर नहीं भरा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक गलतफहमी के चलते आईटीआर नहीं भरा है. उन्हें लग रहा था कि अगर टैक्स देनदारी नहीं है तो इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरना जरूरी नहीं है. आइए जानते हैं क्या है इनकम टैक्स का नियम (Income Tax Rule).

किसे भरना होता है आईटीआर?

जिस भी शख्स की कमाई इनकम टैक्स छूट की सीमा से अधिक है, उसे आईटीआर फाइल करना जरूरी है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में 2.5 लाख और नई टैक्स व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स छूट मिलती है. इस लिमिट से अधिक की इनकम होने पर आईटीआर भरना जरूरी होता है.

वरना नहीं मिलेगी 87ए वाली रिबेट

पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5 लाख और नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की कमाई होने पर अतिरिक्त टैक्स पर 87ए के तहत रिबेट मिल जाती है और आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है. हालांकि, अगर आप 87ए का रिबेट पाना चाहते हैं तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है.

अब लगेगा जुर्माना!

आखिरी तारीख निकल जाने के बाद अब आपको Belated ITR आईटीआर भरना पड़ेगा. अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो आपको आईटीआर भरते वक्त 1000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी. ध्यान रहे कि भले ही आप पर जीरो टैक्स देनदारी हो, लेकिन फिर भी आपको पेनाल्टी चुकानी होगी. वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको 5000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।

Fixation of Medical Unfit Running Staff


Important things to remember for fixation of medically unfit Running staff on alternative posts. (AEMG)


1) किसी भी हालत में मेडिकल अनफिट रनिंग स्टाफ का  Basic , DA, HRA उसके रनिंग वाले बैच मेट से कम नहीं होना चाहिए। 
◆ Refer RBE 89/1989 para 1301 (same pay scale & service benefits)
Same pay scale & service benifit means Each & Everything will be calculated by considering 30% Pay Element.

a) Same Pass & PTO benifts
◆ (Refer RBE-47/2012

b) Safety Award after Retirement 
◆ (Refer L.No.2022/Safety(DM)/AFSAPolicy dated 26/20/2022)

c) PF Calculation
◆ Before Unfit PF calculation = Basic × 1.55/12
◆ After Unfit PF calculation = Basic × 1.30/12

2) नए पोस्ट को पहचानने और स्टाफ को ऑफर  करने के समय प्रशासन को रनिंग स्टाफ के पे एलिमेंट को भी ध्यान में रखना चाहिए।
30% पे एलिमेंट के कारण रनिंग स्टाफ को हमेशा से स्टेशनरी स्टाफ से ऊपर माना गया है। 
◆ Master cerculer 25 para 6.7. In the case of running staff the former emoluments for the
purpose of comparison and identifying equivalent posts will be basic pay plus a percentage of such pay in lieu of running allowance, as may be in force.
◆RBE 89/1989 para 1307 (ACS-77)
◆RBE- 53/2011
◆RBE - 92/2015

3) मेडिकल अनफिट स्टाफ को केवल रेगुलर पद पर ही पोस्टिंग देना है ना कि किसी भी टेन्योर पद CC/PC/TLC इत्यादि पर।
Master cerculer -25 para 6.8. Medically decategorised staff should be absorbed in suitable alternative posts in regular cadre only and not in tenure posts.

4) बस अनफिट होने के बाद पे एलिमेंट जुड़ने के कारण बेसिक पे किसी भी स्लैब में फिट नही होता है इसी लिए पे प्रोटेक्शन दिया गया है। जो कि तब तक बन्द नही होना चाहिए जब तक अनफिट स्टाफ और उसके बैच मेट के फिक्सेशन में अनोमली ना पैदा करे। जो कि अगले पे कमीशन अथवा अगला प्रोमोशन मिलने के बाद ही होगा।
नोट:-  किसी भी रेलवे बोर्ड के लेटर में यह नहीं लिखा है कि पहले इंक्रीमेंट में पे प्रोटेक्शन को खत्म करना है। ◆ Refer RBE 89/1989 para 1308 & Govt of India F. No. 2/12/2016-Estt. (Pay-II) dated 21/01/2021

5) स्टेशनरी पोस्ट में पोस्टिंग हो जाने के बाद अनफिट स्टाफ के सीनियरिटी की गणना अनफिट डेट से नहीं जिस पोस्ट से अनफिट हुए हैं उस पोस्ट पर पोस्टिंग की डेट से डिमांड की जानी चाहिए।
◆ Refer RBE-89/1989 para 1309 & 1310

6) सावधान
यदि एम्प्लोयी खुद से किसी पोस्ट/केटेगरी का चयन करता है तो उन्हें पिछली सर्विस/सीनियरिटी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए सतर्क रहें ।
प्रशासन को कोई भी विलिंगनेस लिख कर ना दें।
Refer RBE 89/1989 para 1310

इनकम टैक्स रिफंड

ITR Filing के बावजूद नहीं आए Refund तो टेंशन ना लें, Income Tax विभाग ने खुद बताया कैसे मिलेगा

इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) का मतलब है कि आयकर विभाग की तरफ से लिए अतिरिक्त टैक्स (Tax) की वापसी. यह टैक्स टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए इनकम टैक्स विभाग के पास जाता है।

इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) का मतलब है कि आयकर विभाग की तरफ से लिए अतिरिक्त टैक्स (Tax) की वापसी. यह टैक्स टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए इनकम टैक्स विभाग के पास जाता है. वहीं अक्सर आईटीआर फाइल (ITR Filing) करते वक्त शख्स अपनी डिडक्शन बताता है, जिसके बाद इनकम टैक्स विभाग की तरफ से अतिरिक्त टैक्स वापस कर दिया जाता है. हालांकि, कई बार रिफंड फेल हो जाता है. आयकर विभाग ने खुद बताया है कि रिफंड फेल होने पर आप कैसे रिफंड को रीश्यू करने की रिक्वेस्ट (Refund Reissue Request) कर सकते हैं.

नौकरीपेशा लोगों का कैसे कट जाता है अधिक टैक्स?

नौकरीपेशा लोगों के मामले में कई बार गलती से न्यू टैक्स रिजीम ही सेलेक्ट रह जाता है और कर्मचारी को एचआरए से लेकर तमाम निवेश का कोई फायदा नहीं मिल पाता है. ऐसे में भी टैक्स अधिक कटता है. हालांकि, आईटीआर फाइल करते वक्त वह शख्स अपना टैक्स रिजीम पुरानी व्यवस्था में बदल सकता है और तमाम डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसके बाद आयकर विभाग की तरफ से रिफंड जारी कर दिया जाता है.

कितने दिन में आ जाता है रिफंड?

आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार इनकम टैक्स रिफंड आने में करीब 4-5 हफ्तों तक का वक्त लग जाता है. ध्यान रहे, यह रिफंड पाने के लिए आपको सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न ही फाइल नहीं करना है, बल्कि उसे ई-वेरिफाई भी कराना है. कई बार लोग ई-वेरिफाई कराना भूल जाते हैं, जिससे उनका रिफंड अटक जाता है. ई-वेरिफिकेशन के बाद ही 4-5 हफ्तों में रिफंड मिलता है.

रिफंड फेल हो जाए तो क्या करें?

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि लोगों की तरफ से आईटीआर तो सही से भरा जाता है, लेकिन उसके बावजूद उनका रिफंड फेल हो जाता है. अगर आपका भी रिफंड 4-5 हफ्तों में नहीं आता है तो एक बार आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर वहां रिफंड स्टेटस चेक करना चाहिए. अगर आपको दिखता है कि रिफंड फेल हो गया है, तो आप दोबारा से रिफंड के लिए कह सकते हैं.

कैसे करें Refund Reissue Request?

रिफंड की फिर से जारी करने की रिक्वेस्ट डालने के लिए आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा. इसकी पूरी प्रोसेस खुद आयकर विभाग ने ही बताई हुई है. आइए जानते हैं पूरी प्रोसेस.

  • सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें और Service Requests में जाकर Refund Reisue सेलेक्ट करें.
  • वहां पर आपको  Refund Reissue Request पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद आपको वह रिकॉर्ड चुनना होगा, जिसके लिए आप रीइश्यू की रिक्वेस्ट करना चाहते हैं.
  • उस बैंक अकाउंट को चुनें, जिसमें आप रिफंड हासिल करना चाहते हैं. ध्यान रहे कि अगर आपके द्वारा चुना गया अकाउंट वैलिडेट नहीं है तो पहले उसे ई-फाइलिंग पोर्टल से वैलिडेट करना होगा. 
  • इसके बाद आपको Proceed to Verification पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद आपको आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी में से किसी एक ई-वेरिफिकेशन के तरीको को चुनना होगा. 
  • इतना करने बाद आपको Continue पर क्लिक करना होगा और आपकी रिक्वेस्ट आयकर विभाग के पास चली जाएगी.

रिफंड फेल होने की सबसे आम वजह होती है आपके बैंक अकाउंट के साथ किसी तरह की दिक्कत होता. आपका अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड गलत होने की वजह से रिफंड रुक सकता है. इतना ही नहीं, अगर आपने अपना अकाउंट वैलिडेट नहीं कराया है, तो भी आपका रिफंड फेल हो जाता है. कई बार पैन कार्ड पर लिखा नाम और बैंक खाते में लिखा नाम मैच नहीं करता, जिसके चलते भी आपका रिफंड फेल हो सकता है. अगर आपका पैन और आधार लिंक नहीं है, तो भी आपका रिफंड फेल हो सकता है.

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें, वरना मिल सकता है नोटिस


Income tax filing: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें, वरना मिल सकता है नोटिस



ITR Filing: अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय उन गलतियों से बचें, जो आपकी परेशानियां बढ़ा सकती हैं. साथ ही रिटर्न फाइल करने के लिए 31 जुलाई की डेडलाइन का इंतजार न करें।

ITR filing : वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। (Image : Pixabay)
 

Mistakes to avoid during ITR filing : वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट इयर 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कई टैक्स पेयर्स को आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना एक मुश्किल काम लगता है, लेकिन थोड़ी तैयारी करें तो आप इस प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं। यहां हम उन बातों की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना काफी सरल हो जाएगा। साथ ही आप रिटर्न फाइल करते समय होने वाली आम गलतियों से भी बच पाएंगे। 

 

 1. फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी को वेरिफाई करें 

आयकर रिटर्न भरने की प्रॉसेस को शुरू करने से पहले, सबसे पहले आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर लॉगिन करके अपना फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) डाउनलोड करें। इसके बाद यह चेक करें कि इस फॉर्म में दिए गए विवरण आपके फॉर्म 16 और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड से मेल खाते हैं। इनमें किसी तरह का मिस-मैच यानी विसंगति हुई तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।

 

2. सही ITR फॉर्म चुनकर पूरा डिस्क्लोजर दें 

गलत ITR फॉर्म का उपयोग करना आपके लिए दिक्कत की वजह बन सकता है। फॉर्म सही नहीं हुआ तो आप कई ऐसी जानकारियां नहीं दे पाएंगे, जिन्हें देना आपके लिए जरूरी है। ऐसा होने पर आपको पूरी जानकारी नहीं देने के आरोप में नोटिस मिल सकता है। AIS और फॉर्म 26AS आपके सभी लेन-देन को ट्रैक करते हैं, इसलिए शेयरों या म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाली किसी भी अघोषित आय पर ध्यान दिया जाएगा। इसलिए अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ कमाया है, लेकिन आप ITR-2 की जगह  ITR-1 के साथ फाइल कर देते हैं, तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर हाल में यह पक्का कर लें कि आपने अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सही फॉर्म चुना है। 

3. डिडक्शन का क्लेम सही ढंग से करें

ऐसे किसी भी डिडक्शन के लिए क्लेम करने से बचें, जिसके लिए आप एलिजिबल नहीं हैं। संदिग्ध क्लेम का पता लगाने के लिए आयकर विभाग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है। इसलिए अगर कोई क्लेम गलत ढंग से किया गया, तो नोटिस मिल सकता है और जुर्माना देने की नौबत भी आ सकती है।

4. डिडक्शन के दस्तावेजों को संभालकर रखें 

आपने जो भी डिडक्शन क्लेम किए हैं, उनसे जुड़े जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखें। खास तौर पर अगर आपने ओल्ड टैक्स रिजीम को चुना है, तो ऐसा करना और भी जरूरी है। फॉर्म 16 और आपके ITR में किसी भी तथ्य के बेमेल होने पर आपको नोटिस मिल सकता है। और ऐसा होने पर अपने क्लेम के वेरिफिकेशन के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।

5. पिछले एंप्लॉयर से मिले वेतन का खुलासा करें

अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के बीच में नौकरी बदली है, तो आपके पास दो फॉर्म 16 होने चाहिए। किसी गड़बड़ी से बचने के लिए दोनों एंप्लॉयर से मिले वेतन की पूरी जानकारी आईटीआर में दें और अगर कैलकुलेशन के बाद अगर कोई टैक्स देनदारी बनती हो, तो उसे जमा कर दें। अगर ऐसा नहीं किया तो आयकर विभाग आपको नोटिस दे सकता है।

6. विदेशी संपत्तियां हों तो उनका खुलासा करें

यदि आपने विदेश में काम किया है और आपके पास विदेशी बैंक खाते, शेयर या अन्य संपत्तियां हैं, तो इन्हें अपने ITR और शेड्यूल FA में जरूर बताएं। ऐसा न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है और ब्लैक मनी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

7. समय रहते फाइल कर दें रिटर्न

आयकर रिटर्न भरने के लिए आखिरी समय की भागदौड़ से बचें। अगर आप रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया डेडलाइन से कई दिनों पहले शुरू कर देंगे, तो अचानक किसी दस्तावेज की कमी पड़ने या आखिरी वक्त में आयकर विभाग की वेबसाइट के क्रैश होने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आखिरी वक्त में अगर ऐसी दिक्कतें आईं तो आप 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक सकते हैं, जिसके चलते लेट फीस समेत कई दिक्कतें आ सकती हैं। 

8. रिटर्न भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें 

ITR रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्सपेयर को उसका ई-वेरिफिकेशन भी करना होता है। इसके लिए आप अपने आधार, प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ई-वेरिफिकेशन का काम 30 दिनों में पूरा करना जरूरी है। वैसे भी आप यह काम जितनी जल्दी पूरा करेंगे आपका रिफंड भी उतनी ही जल्दी जेजेनर


कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई को बीत गई। अब टैक्सपेयर्स की नजर इनकम टैक्स रिफंड पर है। अभी भी कई टैक्सपेयर्स अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 7.28 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने रिटर्न भरा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। इन टैक्सपेयर्स को अब अपने टैक्स रिफंड मिलने का इंतजार है। यहां ये बताना जरूरी है कि आपके सत्यापित आयकर रिटर्न को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से प्रॉसेस किए जाने के बाद ही आपको इनकम टैक्स रिफंड मिलेगा।

क्या है आयकर रिफंड?

टैक्सपेयर्स जब किसी वित्त वर्ष में अपनी टैक्स लायबिलिटी से अधिक टैक्स सरकार को दे देते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन्हें रिफंड जारी करता है। आमतौर पर टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स के जरिए टैक्सपेयर्स अपनी लायबिलिटी से अधिक टैक्स भुगतान कर देते हैं।

हालांकि असेसमेंट के दौरान, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सभी तरह के छूट और कटौती को ध्यान में रखकर टैक्सपेयर्स की फाइनल लायबिलिटी तय करता है। इसके बाद अतिरिक्त टैक्स भुगतान को रिफंड के रूप में टैक्सपेयर्स को वापस कर दिया जाता हैा। उदाहरण के लिए अगर वित्त वर्ष 2023-24 में आपकी की टैक्स लायबिलिटी 2 लाख रुपये बन रही है और आपने पहले ही सरकार 2.30 लाख रुपये का टैक्स भुगतना कर दिया है, तो फिर आपको 30,000 रुपये का टैक्स रिफंड मिलेगा।

कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

टैक्सपेयर्स जब अपने ITR को ई-वेरिफाई कर लेता है, उसके बाद ही टैक्स रिफंड की प्रक्रिया शुरू होती है। आमतौर पर वेरिफिकेशन की तारीख से 4 से 5 हफ्ते में टैक्सपेयर्स के खाते में रिफंड जमा होता है, न कि 31 जुलाई की आखिरी तारीख से। इस साल ITR के प्रॉसेसिंग में देरी हो रही है, जिससे रिफंड मिलने में समय अधिक लग सकता है।

अगर आपने अपना रिटर्न दाखिल किया है और ई-वेरिफिकेशन भी कर लिया है, तो आप 4 से 5 सप्ताह में रिफंड की मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि कई मामलों में यह इससे पहले भी आ सकता है और कुछ मामलों में प्रोसेसिंग में देरी के कारण 2 महीनों तक का समय भी लग सकता है। ऐसा होने पर CPC बंगलोर के टोल फ्री नंबर्स पर अपने रजिस्टर्ड नंबर से फोन करके IVR के माध्यम से जानकारी लें।

हालांकि, अगर आपके रिटर्न में किसी तरह की अनियमितता है, तो फिर आपके रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती हैं। ऐसे मामलों में, आयकर विभाग आपको एक अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की रिक्वेस्ट कर सकता है, जिसे फिर से जांचा जाएगा और उसके बाद रिफंड जारी किया जाएगा।

    Friday, February 2, 2024

    DA Hike latest news


    DA Hike: 50% छोड़ो... शून्य यानि 0 हो जाएगा महंगाई भत्ता! केंद्रीय कर्मचारियों को 31 जनवरी को मिलेगा नया अपडेट

    बढ़ेगा 4 फीसदी महंगाई भत्ता

    केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike) में पिछली बार भी 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. ये इजाफा जुलाई 2023 से लागू हुआ. अब जनवरी 2024 से अगले महंगाई भत्ते का ऐलान होना है. उम्मीद है कि अगला इजाफा भी 4 फीसदी होगा. एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह महंगाई के हालात हैं और AICPI-IW के आंकड़ें आए हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में महंगाई भत्ते में भी 4 फीसदी की तेजी आएगी. मतलब अभी 46 फीसदी महंगाई भत्ते की तुलना में जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता 46% मिल सकता है. 

    शून्य यानि 0 हो जाएगा महंगाई भत्ता

    महंगाई भत्ता का एक नियम है. सरकार ने साल 2016 में जब 7वां वेतन आयोग लागू किया तो उस वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया था. नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उसे 50 फीसदी DA का 9000 रुपए मिलेगा. लेकिन, 50 फीसदी DA होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोड़कर फिर से महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा. मतलब बेसिक सैलरी का रिविजन होकर 27,000 रुपए हो जाएगी. हालांकि, इसके लिए सरकार को फिटमेंट में भी बदलाव करना पड़ सकता है.

    क्यों शून्य किया जाएगा महंगाई भत्ता?

    जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे. 

    सरकार पर बढ़ता है वित्तीय बोझ

    साल 2006 में छठे वेतन आयोग के समय नए वेतनमान को 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना 24 मार्च 2009 को जारी की गई थी. इस देरी की वजह से सरकार को 39 से 42 महीने का डीए एरियर (DA Arrear) 3 किस्तों में 3 वित्तीय वर्षों 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में भुगतान किया गया था. नया पे स्केल भी बनाया गया था. पांचवें वेतनमान में 8000-13500 वाले वेतनमान में 8000 पर 186 प्रतिशत DA 14500 रुपए होता था. इस लिए दोनों को जोड़ने पर कुल वेतन 22 हजार 880 हुआ. छठे वेतनमान में इसका समकक्ष वेतनमान 15600 -39100 प्लस 5400 ग्रेड पे निर्धारित किया गया. छठे वेतनमान में यह वेतन 15600-5400 प्लस 21000 और उस पर एक जनवरी 2009 को 16 प्रतिशत डीए 2226 जोड़ने पर कुल वेतन 23 हजार 226 रुपए तय किया गया. चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें 1986, पांचवें की 1996, छठे की 2006 में लागू हुईं. सातवें कमीशन की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुई.

    शन्यू होगा DA तो बढ़ेगा HRA

    हाउस रेंट अलाउंस में भी अगला रिविजन 3% का होगा. अधिकतम मौजूदा दर 27 फीसदी से बढ़कर HRA 30 फीसदी हो जाएगा. लेकिन, यह तभी होगा जब महंगाई भत्ता (Dearness allowance revise) 50% के पार हो जाएगा. वित्त विभाग के मेमोरेडम के मुताबिक, DA के 50 फीसदी क्रॉस होने पर HRA 30%, 20% और 10% हो जाएगा. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की कैटेगरी X, Y और Z क्लास शहरों के हिसाब से है. जो केंद्रीय कर्मचारी X कैटेगरी में आते हैं उन्हें 27 फीसदी HRA मिल रहा है, जो 50% DA होने पर 30% हो जाएगा. वहीं, Y Class वालों के लिए यह 18 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा. Z Class वालों के लिए 9 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो जाएगा. 

    Saturday, April 22, 2023

    CEA - CHILDREN EDUCATION ALLOWANCE

     CEA  चिल्ड्रेन एजुकेशन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी


    1) CEA  प्रति महिना 2250 के हिसाब से 12 महिने के लिए अधिकतम 27000 एक बच्चे को मिलेगा।


    2) CEA केवल पहले दो बच्चों को ही मिलेगा।


    3) अगर पहले बच्चे के बाद जुड़वा बच्चे होते है तो तीनों बच्चों को मिलेगा।


    4) परंतु अगर पहले प्रयास में ही जुड़वाँ बच्चे होते है तो फिर पहले दो (जुड़वाँ) बच्चों को ही मिलेगा।


    5) सौतेले बच्चे अथवा गोद लिये बच्चे अगर कर्मचारी पर पूर्णतया आश्रित है तो उनको भी मिलेगा।


    6) यदि बच्चा दिव्यांग है तो CEA डबल मिलेगा।


    7) बच्चा अगर होस्टल में पढ़ता है तो उसका 6750 प्रति महिने के हिसाब से साल का 81000 मिलेगा। और CEA का 27000 भी मिलेगा। मतलब ₹108000

     

    8) पहली कक्षा से पुर्व - नर्सरी से KG - II तक किसी भी दो साल के लिए और पहली से लेकर बारहवी तक के लिए मतलब कुल 14 साल के लिए CEA मिलता है।


    9) अगर बच्चा किसी कक्षा में अनुत्तीर्ण होता है तो उसी कक्षा के लिये उसे दो बार CEA मिल सकता है।


    10) बच्चे की उम्र 20 साल होने तक अथवा 12 वी कक्षा उत्तीर्ण होने तक, इसमें से जो पहले होगा वहाँ तक CEA मिलेगा।


    11) अगर बच्चा 10 वी कक्षा के बाद ITI अथवा Diploma अथवा अन्य कोई कोर्स करता है तो दसवीं के बाद दो साल तक उसे CEA मिलेगा। ((12 )) CEA में एक नियम और भी है ---  यदि किसी कर्मचारी / अधिकारी , स्टाफ की मृत्यु हो जाती हैं तो उनके 2 बच्चों जो नियमतः CEA पाने योग्य है आगे भी मिलता रहेगा , बशर्ते कि माता / पिता जो जीवित है किसी भी राज्य ,केंद्र ,अर्धसरकारी ,आदि में नौकरी न करते / करती हो। वे अपना CEA का पूरा बिल जहाँ से बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उसे जहाँ कर्मचारी कार्य करते थे वहां जमा करना होगा ।

    HRA पर टैक्स छूट के लिए अवश्य बातें Exemption U/S 10(13)A

     HRA पर टैक्स छूट के लिए अवश्य बातें Exemption U/S 10(13)A


    नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को घर का किराया चुकाने का भत्ता होता है HRA पर टैक्स छूट का लाभ वहीं उठा सकता है जिसके वेतन में HRA शामिल हो इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 हैI

    नौकरीपेशा करने वाले कर्मचारियों को किराए के मकान के लिए हाउस रेंट अलाउंस यानी मकान किराया भत्ता (HRA) दिया जाता है. मकान किराया भत्ता की सहायता से आप इनकम टैक्स छूट में लाभ पा सकते हैं. HRA पर छूट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 (13A) के तहत मिलती है. वही, जो व्यक्ति अपने घर में रहते हैं उन्हें मिलने वाले HRA पर टैक्स लगता है. आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय HRA पर छूट का दावा कर सकते हैं. किराए के घर की रेंट स्लिप जमा करने पर आपके वेतन पर HRA टैक्स पर छूट मिलती है. आप HRA का पूरा या आंशिक फायदा उठा सकते हैं.

    अगर आप HRA पर टैक्स छूट पाना चाहते हैं तो एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि अगर आपका सालाना मकान किराया एक लाख से अधिक है तो आपको HRA टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए मकान मालिक का पैन कार्ड अवश्य देना होगा क्योंकि किराया मकान मालिक की आमदनी होती है.अगर आपके मकान मालिक के पास पैन कार्ड मौजूद नहीं है तो आपको मकान मालिक के नाम और पते के साथ पैन कार्ड न होने का एक डिक्लेरेशन देना होगा. अगर आप का सालाना किराया 1 लाख से कम है तो आपको किराए की रसीद के साथ मकान मालिक का पैन नंबर नहीं देना पड़ेगा. 

    अगर घर का किराया किसी परिवार के सदस्य को ही चुकाया जाता हो तो ऐसी स्थिति में भी आपको HRA पर छूट मिल जाएगी.

    अगर कर्मचारी का अपना खुद का घर है लेकिन वह उसी शहर में या किसी अन्य शहर में किराए के मकान में रहता है तब भी वह HRA पर छूट पा सकता है. 

    HRA के रूप में हुई कमाई पर टैक्स की बचत केवल वही नौकरीपेशे वाला व्यक्ति कर सकता है जिसके वेतन में HRA शामिल हो और वह किराए के मकान पर रहता हो. अगर किसी व्यक्ति का खुद का बिजनेस है तो वह HRA पर टैक्स छूट का लाभ नहीं उठा सकता

    यह जरूरी नहीं है कि आप HRA के तहत टैक्स छूट का लाभ पाने के लिए मकान मालिक को ही किराए का भुगतान करें. टैक्स का लाभ उठाने के लिए आप अपने माता-पिता को भी किराया दे सकते हैं लेकिन माता-पिता को मकान या संपत्ति से आने वाली आय के रूप में इसे दिखाकर इस पर इनकम टैक्स भरना होगा.

    परंतु यह नियम पति-पत्नी के साथ लागू नहीं होता है क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट के नियमों के तहत इसकी अनुमति नहीं है

    IT Return for AY 2023-24/FY 2022-23

    ITR filing start date for A.Y. 2023-24 
    The Income Tax Return (ITR) filing for the Assessment Year 2023-24 (FY 2022-2023) will commence after the end of the financial year 2022-23, i.e., after March 31, 2023.
    However, the exact date of the start of ITR filing for AY 2023-24 will depend on the government’s notification, It is possible that ITR filing will start from the last week of April. 
    Typically, the ITR filing process begins from April and continues until the last date ie. JULY 31 of the same year. It is advisable to keep checking the official website of the Income Tax Department for updates on the ITR filing date for AY 2023-24. Filing Income Tax Return (ITR) has several benefits, some of which are:
    1. Avoid Penalty: Filing ITR before the due date helps you avoid paying any penalty for late filing of returns.
    2. Claiming Refunds: If you have paid more tax than your actual tax liability, you can claim a refund by filing ITR.
    3. Financial Records: Filing ITR creates a financial record of your income, deductions, and tax paid, which can be used as proof of income for various purposes such as applying for a loan or visa.
    4. Applying for Visas: Many foreign countries require ITR as proof of income for granting a visa.
    5. Loan Approval: ITR is also required for loan approvals, and having a record of ITR filings can improve your chances of getting a loan approved. by 
    6. Compliance: Filing ITR is mandatory if your total income exceeds the basic exemption limit, and failure to comply can result in legal consequences.
    7. Carry Forward Losses: Filing ITR is also necessary to carry forward any losses incurred in a financial year to subsequent years for set off against future profits. In summary, filing ITR is essential for avoiding penalties, claiming refunds, creating financial records, applying for visas and loans, compliance with tax laws, and carrying forward losses.

    Saturday, April 9, 2022

    Varios Alloances yo Running Staff.

     Pay Element

    • 30 % of Basic Pay for computation of benefits excluding Retirement benits.
    • For pensionary benefits, an additional 55% of Basic pay.
    • DA will be paid on Basic Pay plus Pay element of Running Allowance (ie, 30% of Basic Pay).
    • Benefit of reckoning Pay element for fixation of pay of Running staff on their appointment to posts under GDCE not admissible.

    Allowance in lieu of kilometrage
    When Running Staff are employed in non-running duties they will be entitled for Allowance in lieu of kilometrage as indicated below for every calendar day:
    i) At Headquarters – 30% of Basic Pay.
    ii) Outstation - Allowance in lieu of kilometrage at the rate of 160 km per calendar day.
    This is admissible in the following cases:

    • Attending Medical examinations.
    • Journey on transfer.
    • Joining Time.
    • Refresher Courses & Training in carriage sheds.
    • Attending enquiries.
    • Attending law courts.
    • Attending as Defensel Counsel .
    • Trade Union meetings.
    • Attending First Aid classes.
    • Attending Ambulance classes.
    • Taking part in Territorial Army camps.
    • Attending Staff Loan societies.
    • Attending Welfare and Debt Committees.
    • Attending Sports Duties.
    • Undergoing Sterilisation operation.
    • Attending Hindi examination.
    • Guards booked on escort duties.
    • LP/ALP kept as spare for examination/cleaning engine for VIP special trains.
    • Any other duties declared in emergency as qualifying for Allowance in lieu of kilometrage.
    • Allowance in lieu of kilometrage 120 km to LPs working as Power Control/Crew Control.

    Allowance in lieu of Running Room facilities

    • At outstations where Running Room is not provided.
    • Rates specified for every 24 hours or part thereof reckoned from time of ‘signing off’ subject to period of rest exceeding 4 hours between arrival and departure timings.
    • Half of the rates are admissible if cook is not available in running room.

    Breach of Rest Allowance

    • Payable as Overtime Allowance under HOER at the rate of 2 hours for every hour by which rest fall short of prescribed hours of rest.
    • Periods of less than half an hour will be neglected and half an hour or more shall be rouded off to one hour on each occasion of Breach of Rest.
    • Breach of Rest Allowance shall be granted to running staff who work a train to outstation and return to headquarters and are booked for duty
      i) Before completion of 16 hours when duty before rest was 8 hours or more.
      ii) Before completion of 12 hours rest at headquarters when duty before rest was less than 8 hours.
    • Breach of Rest Allowance shall be granted to Running staff like shunters staff manning suburban services who avail daily rest booked for running duty
      i) Before completion of 12 hours when duty before rest was 8 hours or more.
      ii) Before completion of 8 hours rest when duty before rest was less than 8 hours.

    Outstation(Detention) Allowance

    • Running Staff who are held up at any station other than headquarters due to an accident for a period exceeding 16 hours from the time they ‘sign off’ shall be paid Outstation(Detention) Allowance at the rate of 70 km for every 24 hour or part thereof after expiry of 16 hours from time of ‘signing off’.
    • At outstations where running rooms are not provided Running staff shall be entitled in addition Allowance in lieu of Running Room facilities.

    Outstation(Relieving) Allowance

    • For Running Staff deputed to work outside their headquarters either on running duties or stationary duties.
    • Payment will be made from each day reckoned from the date of arrival at the outstation in the following manner.
      i) When officiating in higher post allowance shall be paid for 14 days only.
      ii) When Running Staff are sent to outstation in the same capacity allowance shall be paid for a maximum period of 2 months.
      iii) The period of journey to and from relieving station shall be treated as duty either spare or unning and allowance paid accordingly.

    Accident Allowance

    • Running Staff who are held up at any station other than headquarters due to an accident for a period exceeding 8 hours shall be paid accident Allowance at the rate of 70 km for every 24 hour or part thereof reckoned from time of commencement of detention.

    Minimum Guaranteed Kilometrage Allowance

    • Each Railway shall identify sections and circumstances where Running staff cannot earn adequate kilometrage within stipulated duty hours.
    • For these identified sections and circumstances Running staff shall be paid at the rate of 120 kms for full stipulated duty hours.

    Officiating Allowance

    • When Running staff are put to officiate in a Running post for 30 days or less Officiating Allowance shall be paid as admissible in the lower grade plus running allowance at the rates applicable to higher grade in which they officiate enhanced by 15% except Fireman A/ALP and second Fireman.
    • When Second Fireman is put to officiate as Fireman A/ALP enhancement will be 20% of actual kilometrage performed.
    • When put to officiate in a running post for more than 30 days their pay will be fixed under normal rules.
    • When put to officiate in a Stationary post for more than 30days their pay will be fixed on the basis of pay in lower post as pay element of Running allowance.
    • When period is 30 days or less Officiating Allowance shall be paid for a period of 14 days only

    Incentive scheme for through Goods trains

    • Seperately for Steam traction and Diesel Traction.
    • Inflated kilometrage based on actual kilometrage during prescribed schedule from ‘singing on’ to ‘signing off’.

    Computation of kilometrage for slow moving trains

    Shunting and Van goods trains
    For first 60 kmTo be paid at double the kilometrage.
    Beyond 60 kmTo be paid at 3 times the kilometrage.
    Ballast/Material Train/Crane Special and Light Engine on Medical account
    20 km per hour subject to a maximum of 200 kms for prescribed hours of duty from signing on to signing off.
    Brake Down special and Medical Relief Train
    25 km per hour duty from signing on to signing off.

    Passanger Services

    Hours of duty signing on to signing off.Kilometrage to be paid for
    Less than 4 hoursActual kilometrage subject a minimum of 120 km
    4 hours and above but less than 5 hoursActual kilometrage subject a minimum of 130 km
    5 hours and aboveActual kilometrage subject a minimum of 150 km

     Running staff working Pilots

    • Trip allowance to Running staff working Coal Pilots at the rate of 160 km for eight hours.
    • In addition a bonus of 50 km if they perform complete trips within stipulated target time.

    Waiting duty Allowance
    At the rate of 15 km per hour upto 10 hours in the following case:

    • Waiting/Standby duty as per roster.
    • Station duty including detention on account of cancellation of trains or cancellation of booking of staff after they have reported for duty.
    • Running staff kept back in administrative interest such as booking for President’s special, Relief Trains etc.
    • Waiting in steam in case of President’s special.

    Ghat Sections

    • Sections with a ruling gradient 1:40 or steeper shall be classified as Class I Ghat section. Running staff working on ghats where banker is employed in assisting train computation of km will be 5 times the actual distance travelled.
    • In all other cases(including where banking engine is run as a Light Engine or assistance not required) it shall be calculated as 5 times actual distance travelled in case of Class I Ghat and 3 times Class II Ghats.

    Trip Allowance

    • For High speed/Rajdhani Exp for completion of Trips.

    Shunting Duty Allowance

    • Running staff working Van Goods trains and Through Goods trains.
    • Where main line crew is used for shunting at terminals preceded by or followed by train working such duty shall be paid at 15 km per hour.

    Learning Road

    • Paid for actual Km run learning the road.
    • Infaltion on account of incentive, Ghat , minimum distance etc. not applicable.
    • Notmore than 3 trips up and 3 trips down permitted.

    Travelling as Passenger on duty

    • Before or after working trains or for working a train at outstation shall be light duties and half the km is paid.
    • In case of trains provided with double set of crew spare crew travelling in rest van shall be paid half km admissible to crew on duty.

    Natural calamities/Coal Shortage

    • When running staff cannot be allowed running duties or other duties on account of Natural calamities/Coal Shortage they shall be paid pay element of Running Allowance at the rate of 30% of Basic pay applicable for the day.

    Rounding off
    Total km for the month is rounded off for Running allowance calculation as

    1 to 24Disregarded
    25 to 74Rounded off to 50 km
    75 to 99Rounded off to 100 km

    Line Boxes to Running staff

    • LP/ALP is paid Rs.80 as cost of Line Box in initial or replacement.
    • A standard air bag is also supplied to them every 3 years for carrying their personal items while on duty.

    Supply of battery operated signals

    • Guards of Mail, Express, Suburban, Passenger trains will be supplied tri-color Hand signal lamps.
    • A cash allowance paid for replacement of dry cells.


    Monday, November 22, 2021

    MUMBAI CR Telephone Numbers

     LIST OF TELEPHONE NUMBERS IN MUMBAI DIVISION LOBBY 02225298684 66731 66724 66725 LPC/DSL 02222621995 55414 55415 TPC/ELECTRIC 55413 55257 55258 55259 CST YD 55650 575 MZN YD 55698 55229 52374 BY DEPOT 52213 PR CENTRAL 57202 PR MAIN GATE 57217 PR SOUTH GATE(1) 10/18 57216 PR NORTH GATE(2) 9/17 57215 DR YD 57295 DR (T) 57293 DR CENTRAL 57294 TIME OFFICE 66773 LTT YD 66764 LTT CABIN 66754 TR YD 66911 BNDP NGSM YD 61293 PSK CABIN 61299 DIWA CENTRAL DOMBIWALI CENTRAL KYN AREA CONTROLLER 63316 STATION STD CODE MTNL BSNL RLY MUMBAI CST MAIN LINE 0-22 22697311 --------- 55634 55635 MUMBAI CST SUB --do-- 22697313 --------- 55632 MASJID --do-- 23425592 --------- 55652 SANDHURST ROAD --do-- 23751246 --------- 55653 BYCULLA --do-- 23087614 --------- 52117 CHINCHPOKLI --do-- 24701640 --------- 52271 CURREY ROAD --do-- 24708207 --------- 57042 PAREL --do-- 24174116 --------- 57201 DADAR --do-- 24114836 --------- 57291 DADAR(T) --do-- 24143841 --------- 57293 MATUNGA --do-- 24142053 --------- 57483 SION --do-- 24091302 --------- 66909 KURLA --do-- 26508267 --------- 66745 LOKMANYA TILAK(T) --do-- 25224812 --------- 66752 VIDYA VIHAR --do-- 25143939 --------- 66756 GHATKOPAR --do-- 25116602 --------- 66910 VIKHROLI --do-- 25781179 --------- 66915 KANJUR MARG --do-- 25772888 --------- 66919 BHANDUP --do-- 25611180 --------- 61290 MULUND --do-- 25602649 --------- 61295 THANE --do-- 25331143 --------- 61296 KALVA --do-- 25446918 --------- 61304 MUMBRA --do-- 25460653 --------- 61303 DIVA --do-- --------- ------ 63446 DOMBIVLI 0-251 --------- 2863879 63447 THAKURLI --do-- --------- 2802128 KALYAN JN. --do-- --------- 2315164 63300 SHAHAD --do-- --------- 546078 63476 AMBIVLI --do-- --------- 2272242 --------- TITWALA --do-- --------- 2381601 --------- KHADAVLI --do-- --------- 2370145 --------- VASIND 0-2527 --------- 220100 --------- ASANGAON --do-- --------- 272060 --------- AATGAON --do-- --------- 240165 63554 KHARDI --do-- --------- 244401 63556 KASARA --do-- --------- 246590 IGATPURI 0-2553 --------- 244020 69338 DOCKYARD ROAD 0-22 23751931 --------- 55658 REAY ROAD --do-- 23751891 --------- 52178 COTTON GREEN --do-- 23751518 --------- 52165 SEWRI --do-- 24105837 --------- 57495 VADALA ROAD --do-- 24127788 --------- 57496 KING's CIRCLE --do-- 24021153 --------- 57484 GURU TEGBAHADUR NAGAR --do-- 24011502 --------- 62247 CHUNABHATTI --do-- 225288164 --------- ----- TILAKNAGAR --do-- 25298812 --------- 66763 CHEMBUR --do-- 25280641 --------- 66912 GOVANDI --do-- 25480107 --------- 66913 MANKHURD --do-- 25563392 --------- 66914 VASHI --do-- 27812024 --------- 60213 SANPADA --do-- 27681548 --------- 60215 JUINAGAR --do-- 27708877 --------- 60217 NERUL --do-- 27701390 --------- 60220 BELAPUR --do-- 27570514 --------- 60428 KHARGHAR --do-- 27579154 --------- 60431 KHANDESHWAR --do-- 27424940 --------- 60449 PANVEL --do-- 27452244 --------- 64311 DAPOLI --do-- 27879417 --------- JASAI --do-- 27875870 --------- JNPT (SHEVA ) --do-- 27422593 --------- VITHALWADI 251 --------- 2564991 63025 ULHASNAGAR --do-- --------- 2524913 63026 AMBERNATH --do-- --------- 2602364 63211 BADALAPUR --do-- --------- 2694949 63524 VANGANI --do-- --------- 2660932 63545 SHELU 0-2148 --------- 226975 63561 NERAL --do-- --------- 228424 63560 JUMMA PATTI --do-- --------- 227039 --------- WATER PIPE --do-- --------- 230048 --------- MATHERAN --do-- --------- 230264 --------- BHIVPURI ROAD --do-- --------- 225725 68927 KARJAT --do-- --------- 222064 63544 PALASDHARI --do-- --------- 220878 ----- KHOPOLI 0-2192 --------- 263343 --------- KHANDALA 0-2114 --------- 276983 67306 LONAVALA 0-2114 --------- 273725 67297 BHIWANDI 0-2522 --------- 232102 --------- KHARBAO --do-- --------- 264377 --------- KAMAN --do-- --------- 210362 --------- SOMATNE 0-2143 --------- 281103 --------- APTA --do-- --------- 228452 --------- JITE --do-- --------- 281765 --------- PEN --do-- --------- 252529 55690 KASU --do-- ----- 275536 ----- NAGOTHANE 0-2194 ----- 222028 ----- ROHA --do-- --------- 242348 -------- DATIVLI CABIN 0-22 25318137 ----- ----- NILAJE 0-251 ----- 2873317 ----- KALAMBOLI 0-22 27879628 ----- ----- TALOJA --do-- 27879553 ----- ----- THANE CABIN --do-- 24504892 ----- ----- AIROLI --do-- 27865763 ----- ----- GHANSOLI --do-- 27864645 ----- ----- KOPARKHAIRANE --do-- 27542560 ----- ----- TURBHE --do-- 27865602 ----- -----

    Research on Loco Pilots

     IOSR Journal of Business and Management (IOSR-JBM)

    e-ISSN: 2278-487X, p-ISSN: 2319-7668. Volume 9, Issue 2 (Mar. - Apr. 2013), PP 39-48
    www.iosrjournals.org
    www.iosrjournals.org 39 | Page
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots) Rajesh Ranjan1, Dr. T. Prasad2 1st (Doctoral Research Scholar, National Institute of Industrial Engineering, India) 2nd (Professor, National Institute of Industrial Engineering, Mumbai, India) Abstract : Railways’ Drivers / Loco-Pilots are the most important person in executing the huge task of transporting nearly 25 Million passengers and more than 2.8 Million Tons of freight daily with the help of 2,29,381 wagons, 59,713 coaches and more than 9,213 locomotive engines of various kinds(www.Indian railways, Wikipedia).To transport 25 million passengers and millions of tons of freight and that too with taking care of both the traveler’s convenience and safety is not a mean task, the driver on whose sincerity the journey of a train depends. If he is not capable of carrying his responsibilities then the efforts of the other employees go waste, in this sense we can say that he is the most important person of the railways. The job of a Railway Driver demands hard work and great presence of mind along with courage to handle diverse conditions. For this one should have discipline, patience, responsibility, punctuality, commitment, courage and above all self-confidence. The job requires lots of hard work, stamina, alertness of mind, adaptability to follow difficult time schedules too. But the main and remarkable, highly appreciable role of Railway drivers is the only who works with full honesty, in day & night, in heavy cold, hot & Rainy weather. For Railways’ drivers operating on long distance routes, overnight stays in various locations will be necessary. Furthermore, it can be stressful, as delays and hazards on the track are not uncommon. His cab of the train should be relatively comfortable but it may be quite cold, hot and noisy. Keywords: Railway driver, working conditions.
    I. Introduction
    It is 24th of December-2012. I was going to Patna from Mumbai by train (Rajendra Nagar Exp.). I seat on my birth. By looking at co-travelers, I felt my journey will going to be comfortable. We started gossiping with each other. Out of them one passenger was behaving very interesting. So, I was interacting with him and make a personal gossiping. During the gossiping, I know his name Pintu Kumar (name changed), age-32 years, working as a Railway driver and posted in Chhapra Junction under NER (North East Railway, H.Q.-Gorakhpur). So, I make a personal attention and try to understand the working conditions of him as an Indian Railways‟ drivers.
    II. Overview/Analysis
    I started gossiping and told him you are (as a Railway Driver) most important person for Indian Railways‟ as well as for passengers. Because crores of passengers' life in your hand. But he says, no sir! We are not valuable persons for IR and IR not treated very well. I concentrate him, because I feel, he is not fully satisfied with his job as a Railway Driver. So, I inquired more about the facilities provided by the Indian Railways (IR). And also try to understand his working conditions. I ask many questions and he respond properly. He gives details information regarding Indian Railways‟ Drivers.
    Railways’ Drivers / Loco-Pilots are the most important person in executing the huge task of transporting nearly 25 Million passengers and more than 2.8 Million Tons of freight daily with the help of 2,29,381 wagons, 59,713 coaches and more than 9,213 locomotive engines of various kinds(www.Indian railways, Wikipedia).To transport 25 million passengers and millions of tons of freight and that too with taking care of both the traveler‟s convenience and safety is not a mean task, the driver on whose sincerity the journey of a train depends. If he is not capable of carrying his responsibilities then the efforts of the other employees go waste, in this sense we can say that he is the most important person of the railways. Thus Railway Driver is one of the most important posts in the railway staff. He is the person (along with the Guard) in charge of the train. Driver is also responsible to carry the train safely to its destination. For instance, in some cases if the train breaks down, or if a signal is defective the driver must consult the guard on how to proceed but ultimately it is the driver whose presence of mind, calmness, responsibility towards his work and above all his co-ordination with the guard is necessary to do the job in tough conditions. We can say that he is the person who shoulders the responsibility along with the Guard of taking the train from one destination to other safely. In that sense he is one of the most important employees in the Railway. One has to be really dedicated and hardworking to handle
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
    www.iosrjournals.org 40 | Page
    this work. Railway drivers playing a key role in Indian Railway's safe & punctual running of trains with security and productivity (www.indian railway driver information, 2012). 2.1 Important Features of Indian Railways’ Drivers/Loco Pilots
    1. Number of Sanctioned Posts : 82,000
    2. Number of Drivers Working : 60,000
    3. Number of Vacancy : 16,400 (20%)
    4. Number of Trains Runs daily : 10,000
    5. Number of Locomotives/Engines Operating: 9,213
    6. Number of Passenger Coaches Operating : 59,713
    7. Number of Freight Wagons Operating : 2, 29,381
    8. Number of Passengers Commuting Daily : 25 Million
    9. Freight Transporting Daily : 2.8 Million Tons
    10. Total Railway Route Kilometers in India : 65,000 KMs.
    11. Electrification Railway Route : 22,224 KMs.
    12. Types of Locomotives : Diesel, Electric
    13. Types of Track Gauges : 1676mm (5ft 6 inch) Broad Gauge,
    1000mm (1 meter) Meter Gauge, 762mm (2ft 6 inch) and 610mm (2ft) Narrow Gauge
    14. Types of Trains : Superfast Exp, Express/Mail,
    Goods Train, Passenger, Metro, and Monorails, Salary and other perks of driver
    (i)
    Pay Scale
    5200 – 20200
    (ii)
    Grade Pay
    1900
    (iii)
    Initial Pay
    5830
    (iv)
    Total Pay (i) + (ii )
    7730
    Other Allowances depend on various conditions and hence can‟t be stated uniformly. Other major allowances include :
    DA on Total Pay above plus the running Allowance
    Transport Allowance
    Running Allowance
    House Rent Allowance(if not provided with quarters
    Till 31 March 2012 (approx figure) (www.Indian railways, Wikipedia)
    III. Job Description of Indian Railways Drivers/Loco- Pilots
    3.1 Objectives of the job: Railways‟ Drivers / Loco-Pilots are the most important person in executing the huge task of transporting nearly 25 Million passengers and more than 2.8 Million Tons of freight daily with the help of 2,29,381 wagons, 59,713 coaches and more than 9,213 locomotive engines of various kinds. To transport 25 million passengers and millions of tons of freight and that too with taking care of both the traveler‟s convenience and safety is not a mean task, the driver on whose sincerity the journey of a train depends. (www.Indian railways, Wikipedia). 3.2 Work to be performed
    Driver is responsible to carry the train safely to its destination. Railway drivers playing a key role in Indian Railway's safe & punctual running of trains with security and productivity (www.indian railway driver information, 2012). 3.3 Railways’ drivers need to possess the following skills
    I. Good mechanical knowledge.
    II. Good hands-eye co-ordination.
    III. The ability to concentrate for long periods of time.
    IV. Physical stamina.
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
    www.iosrjournals.org 41 | Page
    V. Good memory.
    VI. Flexibility.
    VII. Excellent awareness of health and safety regulations and emergency procedures.
    VIII. A responsible attitude.
    IX. Good judgment and decision-making skills.
    X. Reliability.
    3.4 Responsibilities
    The job of a Railway Driver demands hard work and great presence of mind along with courage to handle diverse conditions. For this one should have discipline, patience, responsibility, punctuality, commitment, courage and above all self-confidence. The job requires lots of hard work, stamina, alertness of mind, adaptability to follow difficult time schedules too. But the main and remarkable, highly appreciable role of Railway drivers is the only who works with full honesty, in day & night, in heavy cold, hot & Rainy weather (www.indian railway driver information, 2012).
    3.5 The typical tasks undertaken by Railways’ drivers are
    i. Before starting the train/locomotive read safety circulars, safety bulletin, technical circulars, driver instruction, caution order, and divisional circulars.
    ii. Before starting the train/locomotive read the caution order carefully in which sectional track work progress with temporary speed restriction is mention.
    iii. Before starting the train/locomotive check the repair book of loco about any remark for any locomotive trouble.
    iv. Before starting the train/locomotive check the oil level (diesel, lube oil, compressor oil in case of diesel locomotive and transformer oil, GR oil, compressor oil, exhauster oil in case of electric locomotive) and time to time during the run (One time during about 100 kilometers, it depends on drivers‟ mind).
    v. After coupling with the train check brake pipe pressure continuity test with guard.
    vi. After getting departure signal, loco pilot must start the train and run the train as per the aspect of station signals.
    vii. Loco pilot must have sharp look out. While on run he must observe all permanent & temporary speed restrictions.
    viii. Loco pilot must always ready to notice:-
    a. Any track defect through jerk or lurch,
    b. Any unusual with self or others train. He must be mentally prepared for precautionary remedies as per the general & subsidiary rules and accident manual directives. It itself is sufficient to mental stress of loco pilots.
    ix. Checking the engine and general state of the train prior to starting each journey.
    x. Maintaining an awareness of track conditions and weather conditions.
    xi. Following signals (Averagely there are signals after every 1.5 Kilometer distance).
    xii. Following safety regulations at all times.
    xiii. Keeping the train under control and at the appropriate speed at all times.
    xiv. Keeping control of instruments including brakes.
    xv. Maintaining an awareness of emergency procedures.
    xvi. Stopping the train at the appropriate stops on each schedule.
    xvii. Keeping a record of any Problems.
    (Singh Ravi Kant, 2008). 3.6 Working Conditions For Railways‟ drivers operating on long distance routes, overnight stays in various locations will be necessary. Furthermore, it can be stressful, as delays and hazards on the track are not uncommon. His cab of the train should be relatively comfortable but it may be quite cold, hot and noisy (Singh Ravi Kant, 2008). 3.7 Relationship of the job to other jobs
    I. Nature of duty of loco running staff remains unchanged as compared to all other category of Indian railway. For Ex. Previously ticket reservations were manually prepared maintain record by reservation clerk. And after completion of duty they have to count no. of selling of tickets & amount manually. Now they are doing all the reservations on computer and they are getting full data about no. of reservations and amount of the tickets on computer in a short time. Similarly station masters signals operating panel system instead previous lever operated track points & signals. Pathway inspector now checking track through ultrasonic machine instead of previous manual check. Now they have TTM (TRACK TESTING
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
    www.iosrjournals.org 42 | Page
    MACHINE) for track testing & lifting & packing. Whereas in loco running staff duty, the duties of running staff which was perform in the previous days, still remain same in present modernized railway (Singh Ravi Kant, 2008).
    II. There is no any such category, in Govt. transport organization other than loco running staff of Indian railway, who have A-l medical standard + super psycho & classified as class H-I. Airplane/Air Force Pilots, Ship Captain are not classified as class H-I. Their pay should not be fixing as per the nature of duty, considering the risk factor, required medical standard, number of days & duty hours performing duty (Singh Ravi Kant, 2008).
    III. Staff Nurses get Rs.11, 940 for uniform and washing allowance annually, but Loco- Pilot gets only Rs. 438.50 annually (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    IV. Job Specifications of Indian Railways Drivers/Loco- Pilots
    4.1 Eligibility for Assistant Loco-Pilot/Railway Drivers 4.1.1 Steps After clearing the Written Examination (conducted by RRB) followed by Aptitude Test after this Medical test and finally Document verification. 4.1.2 Age Minimum age of the aspiring candidate should be 18 years and maximum age limit is 30 years. 4.1.3 Educational Qualifications Because of vast advanced Technological changes and fast movement of train operation Railway required the group of high leveled Technical staff for train operation. Hence Railway started recruitment of literate staff in 1962 through RRB. And from last 20 years, the Railway demanding ITI or technical diploma like Diploma in mechanical/ electrical/ electronic engg.etc. for the post of Assistant Loco Pilot/Railway Drivers (Singh Ravi Kant, 2008). 4.1.4 Medical Standards Candidate must have high leveled medical standard which is no other category required so far. Loco running men/railway drivers must have the highest standard of medical fitness in medical „A‟ (As it meant for Airplane Pilots).This medical standard has to maintain from the period of joining and up to the end of carrier as Railway driver. A) Each eye vision must be perfect. B) Each ear must be clear for hearing. C) X-ray for chest is clear. D) ECG for heart etc functioning normal. E) Blood & Urine tests for sugar Nil. F) Physical fitness of the body must be perfect. G) Ishihara test free from color blind free. H) Blood pressure must be normal. The same medical checkup, the Railway drivers must have to pass after every periodical gap of 4 years up to the age of 45 years. From 45 years age to 55 years age, periodical medical examination in the same above manner is conducted once in 2 years. And from 55 years age up to 60 years age PME is conducted once in year. And after every PME certificate the Railway drivers can continue as loco running staff. In addition to this, the Railway driver working on high speed train must have to pass super-Psycho test at RDSO LUCKNOW. As well as loco running staff may also send for special medical examination and called anytime to the divisional office for Psycho test (Singh Ravi Kant, 2008).
    4.1.5 Training Schedule & Nature of Training After recruitment as an Assistant loco pilot, send to Zonal Training Centre for training. The training schedule is for 12 months on Diesel / Electric locomotive including technical education of locomotive, operational education of locomotive. In addition to this general and subsidiary rules training given. And after successful completion of training from ZTC trainees sent to posted division for practical training under Divisional Training Centre under Loco Supervisor. And after successful completion of training, posted as Assistant Loco Pilot (Singh Ravi Kant, 2008).
    V. Railway Driver Career Prospects
    A Railway driver usually begins his career as a diesel or electric assistant driver, where his job is mainly to check the state of the locomotive, help with all the auxiliary equipment as needed, and to call out the aspects of the signals. ALP with minimum 2 years of service as Diesel Asstt. /Electric Asstt. and 60,000 Kilometer running experience is required for the promotion to the post of Loco-Pilot (Goods). An assistant driver works as an assistant on goods trains, then on passenger trains, and finally on express trains. It takes at least 8 or 10 years, usually more, before an assistant driver works up the ranks to become the driver for a Rajdhani or Shatabdi train (www.Indian Railway Driver Information, 2012).
    VI. Working Conditions
    I. For Railways‟ drivers operating on long distance routes, overnight stays in various locations will be necessary. Furthermore, it can be stressful, as delays and hazards on the track are not uncommon (Singh Ravi Kant, 2008).
    II. His cab of the train should be relatively comfortable but it may be quite cold, hot and noisy (Singh Ravi Kant, 2008).
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
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    III. At present Loco Pilots are classified under 'continuous' roaster. Not any calendar day rest provision. Normally the Loco Pilot has to work for 10 hours duty at a stretch and can demand relief after 12 hours with 2 hours prior notice to controller (Singh Ravi Kant, 2008). (ILO regulation only 9 hrs upper limit +1 hrs extra in case of emergency duty) (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    IV. There are no fix schedules during operating Goods train. It takes normally long duty hours (sometimes continues 10 hours or more).While operating Goods train, very long waiting time for returning his own H.Q./Home Station (It is sometimes 30 hours or more). Loco-Pilot must be waited for the train at the time of returning to his H.Q./Home Station. After 96 hours of Sign-Off Loco-Pilot demand the compulsory returning for his H.Q. with driving train or without driving train. There are no immediate returning schedules of loco-pilot. In any personal or family emergency loco-pilot can‟t leave the cab without Sign-Off. In any emergency loco-pilot called for duty at any time while he is in rest periods.
    VII. Periodic Rest to Loco-Pilots
    I. At least 5 periods of rest of not less than 22 consecutive hours each per month or at least 4 periods of rest of not less than 30 consecutive hours each per month each including a full night shall be given to Running Staff.
    II. Hours of work for this purpose shall be calculated from „signing on‟ to „signing off‟.
    III. Periodic rest shall be given at headquarters.
    IV. As far as possible it should be given once in 10 days.
    Rest after duty: Based on total duty „signing on‟ to „signing off‟ rest after duty shall be given as follows:
    At headquarters :
    For duty of less than 8 hours
    12 hours
    For duty of 8 hours or more
    16 hours
    In either case a Running staff shall not be called to go out if rest is under 6 hours except in unavoidable necessity as in case of accidents or breakdowns.
    At outstation :
    8 hours rest for 8 hours running duty or more (staff may sign for rest to the extent of 6 hours if they so desire)
    Interval between trips shall be considered as duty if it is equal to or less than 1 hour plus time allowed for train or engine attendance before and after trips.
     After 3 continuous full night duty, one full night rest/sleep provided (But practically it is not possible because Full night duty/running considered between 22:00 PM to 06:00 AM completely).
     Maximum duty hours in anyone trip should not exceed 10 hours (ILO regulation only 9 hrs upper limit +1 hrs extra in case of emergency duty) (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
     Avg. duty hours in a fortnight (Period of two weeks) should not exceed 104 hours.
    Minimum home station rest should be:
    If duty performed in the last trip is less than 8 hrs
    Rest of 12 hrs
    If duty is 8 hrs. or more
    Rest of 16 hrs
    But, Loco-Pilots cannot leave the H.Q. If, Loco Pilot wants to leave the head quarter, he must be given written application to the Crew-Controller. It means in emergency loco pilot called for duty in any time even in rest conditions.
     Full night considered between 22:00 PM to 06:00 AM.
     Duty hours counted from Sign-On (station where assigning duty/starting duty) to Sign-Off (station where completed duty/ leave duty).
     Loco-Pilots must be Sign-On his duty 30 minutes before the actual departure time of the train (HOER,
     Hours of Employment and Period of Rest rules 2005).
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
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    Rest given to Pintu Kumar during Month of November, 2012:
    HOER
    Pintu Kumar
     At least 5 periods of rest of not less than 22 consecutive hours each per month or at least 4 periods of rest of not less than 30 consecutive hours each per month each including a full night shall be given to Running Staff.
     After 3 continuous full night duty, one full night rest/sleep provided
     Maximum duty hours in anyone trip should not exceed 10 hours.
     Avg. duty hours in a fortnight (Period of two weeks) should not exceed 104 hours.
     Only 3 rest of 22 hours
     But practically it is not possible because Full night duty/running considered between 22:00 PM to 06:00 AM completely.
     There are no fix schedules during operating Goods train. It takes normally long duty hours (sometimes continues 10 hours or more).
     But it is generally more (overtime allowance provision).
    VIII. Cab Conditions
    The heavy noise, dust pollution, excess heat, high voltage electricity in the electric locomotive and diesel smell in the diesel locomotive are contributing to early fatigue to the crew. The noise level in a diesel locomotive is about more than 100 decibels which is 25 decibels more than maximum allowed limit of 75 decibels by the Industrial Pollution Control Board. The heat, diesel smell, noise from the engine room comes to the driving cab as the doors in the driving cab are not designed sound proof. To overcome this problem the locomotive cab has to be air-conditioned so that fatigue will no attack the drivers and they can concentrate on their duties properly and ensure safety of trains. (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    I. Noise level - More than 100 Desibal (it has an adverse impact on the minds of drivers. it is a source of disturbance to the drivers and does not allow them to work with concentration. Therefore, it is essential to keep noise under control, limited to 75 db by Industrial Pollution Control Board (fire Quartly magazine, aug.2012).
    II. Temperature - Due to heavy night duty feeing cold or rain or hot sun in summer when normal temperature up to 46 to 48 degree, in locomotive, temperature increases up to temperature 54 to 56 degree centigrade, i.e. adverse weather conditions. Comfortable Room Temp. considered 25 degree centigrade (Singh Ravi Kant, 2008). Drivers efficiency is bound to suffer if the temp. of cab is either too low or too high(FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    III. Pollution and high voltage electricity. It has an adverse impact on the physical and mental health of drivers.
    IV. Bad wiper, not properly functioning during rainy and foggy season, so poor visibility during raining and foggy.
    V. No voice recorders in the cab for recording the shortcomings and calling out of signals (just like black box in flights).
    VI. Loco-Pilot seat quality poor (normally without back rest provision).
    VII. No natural calls facilities (no toilets available).
    VIII. Sometimes After repairing chairs are in bad conditions, fan and lights are not properly working. It means there are no more/sufficient spare parts available.
    IX. Poor lighting (without proper lighting, eye damage will occurs. it is essential to the health, safety and efficiency of drivers).
    X. Commonly no air-conditioning.
    XI. In diesel locomotive, seat position is very bad. Track not seen properly while loco pilot seated. Therefore he performs his duty always in standing position.
    (Singh Ravi Kant, 2008).
    IX. Running Room
    In running room, normally dormitory so loco pilots getting disturbance of sleep when other crew members or call boy are coming or getting ready for duty and putting lights etc. Due to high temp. Loco-Pilots not enjoyed fully undisturbed sleep before running trains. Because, generally no air-conditioning provided (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    I. He carry himself rations, vegetables etc. for cooking meals in the kitchen of running room. Because in running room no any cooked food served around the clock. Only cooks are available for preparing the food. Due to shortage of cooking staff(generally 2-3 staff working) in running room, sometime cook
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
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    taking 3-4 hours for preparing food (rules to served within 45 minutes). So They are unable to get more than 10-12 hours of rest even as they are provided 16 hrs. rest.
    II. Commonly dormitory, due to this sleep disturbed.
    III. Some places two-bedded room without attached toilet and bathrooms.
    IV. Common toilets and bathrooms.
    V. Unhighgenic water and meal atmosphere.
    X. Residence/Staff-Quarters
    I. 100% housing should not be provided to drivers as they are residing up to 5-6 KMs. away from their station of posting and are taking a lot of time in commuting. They are unable to get more than 10-12 hours of rest even at home station when they are provided 16 hrs. rest (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    II. Railway drivers are living in rented/private houses and facing lot of problems for Sign-On and after Sign-Off their duty.
    III. Some places quarters are situated very long distance (around 3 to 4 KM) away from his duty stations.
    IV. There is no official vehicle provided by IR for Railway drivers.
    V. Due to long distance of quarters, journey time increases for joining his duty.
    VI. During odd weather and odd timing, very rigorous to join the duty and returned after the duty.
    XI. Medical Facilities
    Paternity leave for 15 days only two times during the whole service periods. Paternity Leave may not normally be refused. Leave cannot be sanctioned for more than 5 years continuous. Medical leave : - During one year,
     10 days with full pay.
     20 days with half pay.
     More than 20 days without pay.
    When Railways‟ drivers joining after six months of medical leave, Railways‟ authority take a full/complete medical test. If found medically not fit, duty/job/post of Loco-Pilot can be changed. (Indian Railway Establishment code, Vol-1) Reimbursement of Medical Expenses: When an employee or family members are referred to a hospital by Railway Medical Authority expenses incurred are reimbursed on production of bills/receipts countersigned by Supt. of the hospital. For emergency Treatment without proper reference by ADMO
     In case of Government hospitals, full powers for reimbursement.
     In case of recognized hospitals/dispensary run by philanthropic organizations Up to Rs.2,00,000
     These powers will be exercised by GM/AGM duly scrutinized by FA&CAO.
     Claims of higher amount will be referred to Railway Board.
     DRMs can reimburse claims up to Rs.10, 000 per case with a ceiling limit of Rs.2, 00,000 per year In case of Government/recognized hospitals only.
    (Indian Railway Establishment Manual, Vol-1).
    XII. . Nature of Duty
    12.1Critical Duty 12.1.1 When loco pilot working on high speed train, he have to work for 400 to 500 km at a stretch without any halt. During the run he cannot even release his urinal pressure. In NAGPUR DIVISION, when loco pilots booked to work RAJDHANI EXPRESS ex Nagpur to Bhopal, there are 265 signals and the running time given is 330 minutes. It means averagely after every 1 minute & 22 seconds loco pilots must ready to observe signal. There are 296 gates (manned/ unmanned) in the same section. It means after every 1 minutes &11 seconds loco pilot must be prepared to observe gates condition. In addition to this loco pilot must also observe self train track, over head equipments as well as adjacent track and check the train if passing on adjacent track. He must also sharp attention on his locomotive performance. Loco pilot must take learning of road and signals with their proper locations, stations halts, level crossing gates (signaled and non- signaled gates, manned or unmanned gates) (Singh Ravi Kant, 2008).
    12.1.2 Following signals (Averagely there are signals after every 1.5 Kilometer distance and gates averagely after every 1.3 km) (Singh Ravi Kant, 2008). If he ignores any red signal and crossed it (while any accidents occurred or not), Railway takes very strict action against him normally removal from service.
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    12.1.3 Highly appreciable role of Railway drivers is the only who works with full honesty, in day & night, in heavy cold, hot & Rainy weather (www.indian railway driver information, 2012).
    12.1.4 Loco pilot must have sharp look out. While on run he must observe all permanent & temporary speed restrictions.
    12.1.5 Continuous running for long hours. For example, Bihar Sampark Kranti Exp. (12565) runs between Darbhanga (Bihar) to New Delhi. Loco-pilot booked/sign-on his duty in Darbhanga and continuous running the train to Chhapra (That is around 202KM) and take around 5 hours continuous running /duty. And some other trains take around 5 to 6 hours for this distance.
    12.1.6 There is no upper limit in the railways rulebook on the number of night duties to be done by the railways‟ driver. Despite data from major rail accidents, pointed to the fact that most mishaps take place between early night and late morning. The weekly rest provisions for Railways‟ drivers are vague. Faced with a severe staff shortage(now 60,000 loco drivers and there is 20% vacancy in the 82,000 sanctioned posts), coupled with the fact that most trains run also during night hours, railways is being forced to put most of its drivers on night duty for long periods. (www.indian railway driver information, 2012)
    12.1.7 For instance, the Railways‟ driver roster for Hampi Express which collided with a stationary train suggests that the driver had run 23 trains in 19 days of which 12 were full-night, three half-night and seven full-day duties. This means the driver had undisturbed sleep in only seven days in the past three weeks. They (Railways‟ Drivers) are not allowed to break for food, refreshment or answer nature's call during duty hours. Duty of loco pilots is very much strenuous (www.indian railway driver information, 2012).
    12.1.8 While operating diesel locomotives, they perform his duty in always standing position, because visibility effected due to bad seat position. Track not seen properly in seating conditions.
    Due to high speed and continuous running train Loco-Pilots are extremely tired. Their eyes and Heart are more affected.
    12.2 Routine Duty
    12.2.1 Before starting the train/locomotive read safety circulars, safety bulletin, technical circulars, driver instruction, caution order, and divisional circulars.
    12.2.2 Before starting the train/locomotive read the caution order carefully in which sectional track work progress with temporary speed restriction is mention.
    12.2.3 Before starting the train/locomotive check the repair book of loco about any remark for any locomotive trouble.
    12.2.4 Before starting the train/locomotive check the oil level (diesel, lube oil, compressor oil in case of diesel locomotive and transformer oil, GR oil, compressor oil, exhauster oil in case of electric locomotive) and time to time during the run (One time during about 100 kilometers, it depends on drivers‟ mind).
    12.2.5 After coupling with the train check brake pipe pressure continuity test with guard.
    12.2.6 After getting departure signal, loco pilot must start the train and run the train as per the aspect of station signals.
    12.2.7 Stopping the train at the appropriate stops on each schedule.
    12.2.8 Keeping a record of any Problems.
    (Singh Ravi Kant, 2008).
    XIII. Life after the Duty/job
    When railway drivers at outstation duty, after signing off his duty, railway driver stay in the running room located near by the station premises. He carry himself rations, vegetables etc. for cooking meals in the kitchen of running room. Because in running room no any cooked food served around the clock. Only cooks are available for preparing the food. Due to shortage of cooking staff(generally 2-3 staff working) in running room, sometime cook taking 3-4 hours for preparing food (rules to served within 45 minutes). So, they are unable to get more than 10-12 hours of rest even as they are provided 16 hrs. rest. After the meal normally he goes to sleep immediately, because due to high speed and continuous running train Loco-Pilots are extremely tired. Relatively same conditions at home station.100% housing should not be provided to drivers as they are residing up to 5-6 KMs. away from their station of posting and are taking a lot of time in commuting. They are unable to get more than 10-12 hours of rest even at home station when they are provided 16 hrs. rest (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012). After the meal normally he goes to sleep immediately, because due to high speed and continuous running train Loco-Pilots are extremely tired.
    Work-Life of Indian Railway's Drivers (Loco-Pilots)
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    XIV. Personal/Family Related Problem
    He shares one very personal incidents of his life with me. He is married and father of two sweet children. At the time of his first child's birth, he was on his duty and suddenly he receive a call from his wife and his wife said you returned immediately because I am very serious and immediately required medical attention. But, at that time he was on his duty and not to leave the train and not possible to return back for home and admitted his wife in hospital. So, his neighbors were admitted his wife in a hospital and his wife delivered a child in the absence of him (her husband). He came back after about12 hours and meets his wife and new born his child. And he says, these kinds of issues are still continuing. He is not giving (spending) more (sufficient) time with his family and societal activities.
     100% housing should not be provided to drivers as they are residing up to 5-6 kms. away from their station of posting and are taking a lot of time in commuting. They are unable to get more than 10-12 hours of rest even at home station when they are provided 16 hrs. rest.
     All other railway employees get 12 National Holydays and 52 Sundays, guaranteed weekly rest but Loco-Pilot does not get any National Holyday. So, all the personal work has to be done by availing leave, or between short spells in between duties, which creates mental agony, losing concentration in running duties.
     No any calendar day rest provision, so that they may fulfill their family and social obligations.
    (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    XV. . Issues
    I. Irregularities in lunch and dinner
    II. Irregularities in sleep
    III. Disturbed sleep
    IV. Sleep disorder
    V. Work under pollution and high voltage electricity
    VI. Due to heavy night duty feeling cold or rain or hot sun in summer when normal temperature up to 46 to 48 degree, in locomotive, temperature increases up to temperature 54 to 56 degree centigrade, i.e. adverse weather conditions.
    VII. Noise level more than 100 db
    VIII. Insufficient facilities in running room
    IX. Unhighgenic water and meal atmosphere
    X. Suffer from stress related disease (hypertension, diabetes, frequent headaches etc.)
    XI. No any calendar day rest provision, so that they may fulfill their family and social obligations.
    XII. All their personal work has to be done by availing leave, or between short spells in between duties, which creates mental agony, losing concentration in running duties (FIRE Quartly Magazine, Aug.2012).
    XIII. Do not spend sufficient time daily with his family members (including wife, child/children, and older parents).
    XIV. Always miss out quality time with his family and friends because of nature of work.
    XVI. Status Report
    Based on above discussion, I felt work-life balance of Pintu Kumar as a railway driver in India is not very good. Indian Railways‟ trying to solve these serious issues, but it is still continuing and more effort needed. Work life-balance of Pintu Kumar as a railway driver is most important for the safe journey of passengers. So that, crores of passengers reach their destination safely. References
    [1]. Amitabh (2006),"Rail Accidents due to Human Errors-Indian Railways Experience" Ministry of Railways, Govt. of India.
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