Monday, August 19, 2024

Income Tax Notice

 

ITR Filing: आपने तो नहीं किया झूठा डिडक्शन ? इस तरह लोगों को चुन-चुन कर Notice भेज रहा Income Tax विभाग


        पिछले साल आयकर विभाग (Income Tax Department) ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कुछ ऐसे कर्मचारियों की पहचान की थी, जिन्होंने टैक्स छूट (Tax Exemption) पाने के लिए झूठी डिडक्शन की थीं. इसके चलते कुछ कर्मचारियों की टैक्स देनदारी कम हो गई तो कुछ की टैक्स देनदारी (Tax Liability) खत्म ही हो गई.

        इस साल फिर से आयकर विभाग ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटा है, ताकि उन्हें नोटिस (Income Tax Notice) भेजकर कार्रवाई की जा सके. आयकर विभाग की तरफ से बार-बार तमाम एंप्लॉयर्स से भी कहा जाता है कि वह कंपनी के कर्मचारियों को झूठे डिडक्शन (ITR Filing False Deduction) करने के खिलाफ चेतावनी देते रहें.

        आयकर विभाग का कहना है कि कंपनी के कर्मचारियों ने फॉर्म-16 से अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम की हैं. ज्यादा डिडक्शन क्लेम करने का मतलब ये नहीं है कि वह झूठी ही हैं, लेकिन इससे एक शक पैदा होता है कि वह झूठी हो सकती हैं.

        ऐसे मामलों में आयकर विभाग नोटिस भेजकर डिडक्शन का प्रूफ मांग सकता है या इनकम का सोर्स पूछ सकता है. अगर आप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो आप पर अतिरिक्त टैक्स देनदारी बन सकती है. यहां तक कि आपको पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है और जितने दिन देर से आपसे टैक्स चुकाते हैं, उसका ब्याज भी चुकाना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

ध्यान रखें ये बात, वरना होगी दिक्कत

        जब भी कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता को टैक्स डिडक्शन क्लेम करते हुए इन्वेस्टमेंट प्रूफ देता है, तो नियोक्ता की जिम्मेदारी उसे आयकर विभाग को सूचित करना होगा है. इनकम टैक्स से जुड़े तमाम प्रूफ, जो कर्मचारी की तरफ से कंपनी में सबमिट होते हैं, उसे नियोक्ता को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 192 (2डी) के तहत आयकर विभाग को देना होता है. इसी से आयकर विभाग समझ पाता है कि आपने कहां-कहां निवेश किया है.

        यही जानकारी आपकी फॉर्म-16 में भी होती है. वहीं अगर आप इससे अधिक का टैक्स डिडक्शन लेते हैं तो वह फॉर्म-16 के आंकड़ों से मेल नहीं खाता और आयकर विभाग नोटिस भेजकर उस पर आपकी सफाई या सबूत मांग सकता है.

Saturday, August 17, 2024

22 डिब्‍बे पटरी से उतरे

कानपुर में ट्रेन हादसा, साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्‍बे पटरी से उतरे, वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी

कानपुर में भीमसेन के पास शुक्रवार रात करीब ढाई बजे साबरमती एक्‍सप्रेस के 22 डिब्‍बे पटरी से उतर गए। बताया जा रहा है कि पटरी पर रखे बोल्‍डर की वजह से यह हादसा हुआ है। फिलहाल हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Sunday, August 4, 2024

ITR फाइलिंग-


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ITR Filing: क्या आपने ये सोचकर लास्ट डेट तक भी नहीं भरा आईटीआर? अब लगेगा जुर्माना! ठीक से समझ लें Income Tax का नियम

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) निकल चुकी है. बहुत से लोगों ने अभी तक आईटीआर नहीं भरा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक गलतफहमी के चलते आईटीआर नहीं भरा है 

ITR Filing: क्या आपने ये सोचकर लास्ट डेट तक भी नहीं भरा आईटीआर? अब लगेगा जुर्माना! ठीक से समझ लें Income Tax का नियम

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date) निकल चुकी है. बहुत से लोगों ने अभी तक आईटीआर नहीं भरा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक गलतफहमी के चलते आईटीआर नहीं भरा है. उन्हें लग रहा था कि अगर टैक्स देनदारी नहीं है तो इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरना जरूरी नहीं है. आइए जानते हैं क्या है इनकम टैक्स का नियम (Income Tax Rule).

किसे भरना होता है आईटीआर?

जिस भी शख्स की कमाई इनकम टैक्स छूट की सीमा से अधिक है, उसे आईटीआर फाइल करना जरूरी है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में 2.5 लाख और नई टैक्स व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स छूट मिलती है. इस लिमिट से अधिक की इनकम होने पर आईटीआर भरना जरूरी होता है.

वरना नहीं मिलेगी 87ए वाली रिबेट

पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5 लाख और नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की कमाई होने पर अतिरिक्त टैक्स पर 87ए के तहत रिबेट मिल जाती है और आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है. हालांकि, अगर आप 87ए का रिबेट पाना चाहते हैं तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है.

अब लगेगा जुर्माना!

आखिरी तारीख निकल जाने के बाद अब आपको Belated ITR आईटीआर भरना पड़ेगा. अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो आपको आईटीआर भरते वक्त 1000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी. ध्यान रहे कि भले ही आप पर जीरो टैक्स देनदारी हो, लेकिन फिर भी आपको पेनाल्टी चुकानी होगी. वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको 5000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।

Fixation of Medical Unfit Running Staff


Important things to remember for fixation of medically unfit Running staff on alternative posts. (AEMG)


1) किसी भी हालत में मेडिकल अनफिट रनिंग स्टाफ का  Basic , DA, HRA उसके रनिंग वाले बैच मेट से कम नहीं होना चाहिए। 
◆ Refer RBE 89/1989 para 1301 (same pay scale & service benefits)
Same pay scale & service benifit means Each & Everything will be calculated by considering 30% Pay Element.

a) Same Pass & PTO benifts
◆ (Refer RBE-47/2012

b) Safety Award after Retirement 
◆ (Refer L.No.2022/Safety(DM)/AFSAPolicy dated 26/20/2022)

c) PF Calculation
◆ Before Unfit PF calculation = Basic × 1.55/12
◆ After Unfit PF calculation = Basic × 1.30/12

2) नए पोस्ट को पहचानने और स्टाफ को ऑफर  करने के समय प्रशासन को रनिंग स्टाफ के पे एलिमेंट को भी ध्यान में रखना चाहिए।
30% पे एलिमेंट के कारण रनिंग स्टाफ को हमेशा से स्टेशनरी स्टाफ से ऊपर माना गया है। 
◆ Master cerculer 25 para 6.7. In the case of running staff the former emoluments for the
purpose of comparison and identifying equivalent posts will be basic pay plus a percentage of such pay in lieu of running allowance, as may be in force.
◆RBE 89/1989 para 1307 (ACS-77)
◆RBE- 53/2011
◆RBE - 92/2015

3) मेडिकल अनफिट स्टाफ को केवल रेगुलर पद पर ही पोस्टिंग देना है ना कि किसी भी टेन्योर पद CC/PC/TLC इत्यादि पर।
Master cerculer -25 para 6.8. Medically decategorised staff should be absorbed in suitable alternative posts in regular cadre only and not in tenure posts.

4) बस अनफिट होने के बाद पे एलिमेंट जुड़ने के कारण बेसिक पे किसी भी स्लैब में फिट नही होता है इसी लिए पे प्रोटेक्शन दिया गया है। जो कि तब तक बन्द नही होना चाहिए जब तक अनफिट स्टाफ और उसके बैच मेट के फिक्सेशन में अनोमली ना पैदा करे। जो कि अगले पे कमीशन अथवा अगला प्रोमोशन मिलने के बाद ही होगा।
नोट:-  किसी भी रेलवे बोर्ड के लेटर में यह नहीं लिखा है कि पहले इंक्रीमेंट में पे प्रोटेक्शन को खत्म करना है। ◆ Refer RBE 89/1989 para 1308 & Govt of India F. No. 2/12/2016-Estt. (Pay-II) dated 21/01/2021

5) स्टेशनरी पोस्ट में पोस्टिंग हो जाने के बाद अनफिट स्टाफ के सीनियरिटी की गणना अनफिट डेट से नहीं जिस पोस्ट से अनफिट हुए हैं उस पोस्ट पर पोस्टिंग की डेट से डिमांड की जानी चाहिए।
◆ Refer RBE-89/1989 para 1309 & 1310

6) सावधान
यदि एम्प्लोयी खुद से किसी पोस्ट/केटेगरी का चयन करता है तो उन्हें पिछली सर्विस/सीनियरिटी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए सतर्क रहें ।
प्रशासन को कोई भी विलिंगनेस लिख कर ना दें।
Refer RBE 89/1989 para 1310

इनकम टैक्स रिफंड

ITR Filing के बावजूद नहीं आए Refund तो टेंशन ना लें, Income Tax विभाग ने खुद बताया कैसे मिलेगा

इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) का मतलब है कि आयकर विभाग की तरफ से लिए अतिरिक्त टैक्स (Tax) की वापसी. यह टैक्स टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए इनकम टैक्स विभाग के पास जाता है।

इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) का मतलब है कि आयकर विभाग की तरफ से लिए अतिरिक्त टैक्स (Tax) की वापसी. यह टैक्स टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए इनकम टैक्स विभाग के पास जाता है. वहीं अक्सर आईटीआर फाइल (ITR Filing) करते वक्त शख्स अपनी डिडक्शन बताता है, जिसके बाद इनकम टैक्स विभाग की तरफ से अतिरिक्त टैक्स वापस कर दिया जाता है. हालांकि, कई बार रिफंड फेल हो जाता है. आयकर विभाग ने खुद बताया है कि रिफंड फेल होने पर आप कैसे रिफंड को रीश्यू करने की रिक्वेस्ट (Refund Reissue Request) कर सकते हैं.

नौकरीपेशा लोगों का कैसे कट जाता है अधिक टैक्स?

नौकरीपेशा लोगों के मामले में कई बार गलती से न्यू टैक्स रिजीम ही सेलेक्ट रह जाता है और कर्मचारी को एचआरए से लेकर तमाम निवेश का कोई फायदा नहीं मिल पाता है. ऐसे में भी टैक्स अधिक कटता है. हालांकि, आईटीआर फाइल करते वक्त वह शख्स अपना टैक्स रिजीम पुरानी व्यवस्था में बदल सकता है और तमाम डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसके बाद आयकर विभाग की तरफ से रिफंड जारी कर दिया जाता है.

कितने दिन में आ जाता है रिफंड?

आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार इनकम टैक्स रिफंड आने में करीब 4-5 हफ्तों तक का वक्त लग जाता है. ध्यान रहे, यह रिफंड पाने के लिए आपको सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न ही फाइल नहीं करना है, बल्कि उसे ई-वेरिफाई भी कराना है. कई बार लोग ई-वेरिफाई कराना भूल जाते हैं, जिससे उनका रिफंड अटक जाता है. ई-वेरिफिकेशन के बाद ही 4-5 हफ्तों में रिफंड मिलता है.

रिफंड फेल हो जाए तो क्या करें?

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि लोगों की तरफ से आईटीआर तो सही से भरा जाता है, लेकिन उसके बावजूद उनका रिफंड फेल हो जाता है. अगर आपका भी रिफंड 4-5 हफ्तों में नहीं आता है तो एक बार आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर वहां रिफंड स्टेटस चेक करना चाहिए. अगर आपको दिखता है कि रिफंड फेल हो गया है, तो आप दोबारा से रिफंड के लिए कह सकते हैं.

कैसे करें Refund Reissue Request?

रिफंड की फिर से जारी करने की रिक्वेस्ट डालने के लिए आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा. इसकी पूरी प्रोसेस खुद आयकर विभाग ने ही बताई हुई है. आइए जानते हैं पूरी प्रोसेस.

  • सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें और Service Requests में जाकर Refund Reisue सेलेक्ट करें.
  • वहां पर आपको  Refund Reissue Request पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद आपको वह रिकॉर्ड चुनना होगा, जिसके लिए आप रीइश्यू की रिक्वेस्ट करना चाहते हैं.
  • उस बैंक अकाउंट को चुनें, जिसमें आप रिफंड हासिल करना चाहते हैं. ध्यान रहे कि अगर आपके द्वारा चुना गया अकाउंट वैलिडेट नहीं है तो पहले उसे ई-फाइलिंग पोर्टल से वैलिडेट करना होगा. 
  • इसके बाद आपको Proceed to Verification पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद आपको आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी में से किसी एक ई-वेरिफिकेशन के तरीको को चुनना होगा. 
  • इतना करने बाद आपको Continue पर क्लिक करना होगा और आपकी रिक्वेस्ट आयकर विभाग के पास चली जाएगी.

रिफंड फेल होने की सबसे आम वजह होती है आपके बैंक अकाउंट के साथ किसी तरह की दिक्कत होता. आपका अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड गलत होने की वजह से रिफंड रुक सकता है. इतना ही नहीं, अगर आपने अपना अकाउंट वैलिडेट नहीं कराया है, तो भी आपका रिफंड फेल हो जाता है. कई बार पैन कार्ड पर लिखा नाम और बैंक खाते में लिखा नाम मैच नहीं करता, जिसके चलते भी आपका रिफंड फेल हो सकता है. अगर आपका पैन और आधार लिंक नहीं है, तो भी आपका रिफंड फेल हो सकता है.

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें, वरना मिल सकता है नोटिस


Income tax filing: इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें, वरना मिल सकता है नोटिस



ITR Filing: अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय उन गलतियों से बचें, जो आपकी परेशानियां बढ़ा सकती हैं. साथ ही रिटर्न फाइल करने के लिए 31 जुलाई की डेडलाइन का इंतजार न करें।

ITR filing : वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। (Image : Pixabay)
 

Mistakes to avoid during ITR filing : वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट इयर 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कई टैक्स पेयर्स को आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना एक मुश्किल काम लगता है, लेकिन थोड़ी तैयारी करें तो आप इस प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं। यहां हम उन बातों की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना काफी सरल हो जाएगा। साथ ही आप रिटर्न फाइल करते समय होने वाली आम गलतियों से भी बच पाएंगे। 

 

 1. फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी को वेरिफाई करें 

आयकर रिटर्न भरने की प्रॉसेस को शुरू करने से पहले, सबसे पहले आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर लॉगिन करके अपना फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) डाउनलोड करें। इसके बाद यह चेक करें कि इस फॉर्म में दिए गए विवरण आपके फॉर्म 16 और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड से मेल खाते हैं। इनमें किसी तरह का मिस-मैच यानी विसंगति हुई तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है।

 

2. सही ITR फॉर्म चुनकर पूरा डिस्क्लोजर दें 

गलत ITR फॉर्म का उपयोग करना आपके लिए दिक्कत की वजह बन सकता है। फॉर्म सही नहीं हुआ तो आप कई ऐसी जानकारियां नहीं दे पाएंगे, जिन्हें देना आपके लिए जरूरी है। ऐसा होने पर आपको पूरी जानकारी नहीं देने के आरोप में नोटिस मिल सकता है। AIS और फॉर्म 26AS आपके सभी लेन-देन को ट्रैक करते हैं, इसलिए शेयरों या म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाली किसी भी अघोषित आय पर ध्यान दिया जाएगा। इसलिए अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ कमाया है, लेकिन आप ITR-2 की जगह  ITR-1 के साथ फाइल कर देते हैं, तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर हाल में यह पक्का कर लें कि आपने अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सही फॉर्म चुना है। 

3. डिडक्शन का क्लेम सही ढंग से करें

ऐसे किसी भी डिडक्शन के लिए क्लेम करने से बचें, जिसके लिए आप एलिजिबल नहीं हैं। संदिग्ध क्लेम का पता लगाने के लिए आयकर विभाग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है। इसलिए अगर कोई क्लेम गलत ढंग से किया गया, तो नोटिस मिल सकता है और जुर्माना देने की नौबत भी आ सकती है।

4. डिडक्शन के दस्तावेजों को संभालकर रखें 

आपने जो भी डिडक्शन क्लेम किए हैं, उनसे जुड़े जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखें। खास तौर पर अगर आपने ओल्ड टैक्स रिजीम को चुना है, तो ऐसा करना और भी जरूरी है। फॉर्म 16 और आपके ITR में किसी भी तथ्य के बेमेल होने पर आपको नोटिस मिल सकता है। और ऐसा होने पर अपने क्लेम के वेरिफिकेशन के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।

5. पिछले एंप्लॉयर से मिले वेतन का खुलासा करें

अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के बीच में नौकरी बदली है, तो आपके पास दो फॉर्म 16 होने चाहिए। किसी गड़बड़ी से बचने के लिए दोनों एंप्लॉयर से मिले वेतन की पूरी जानकारी आईटीआर में दें और अगर कैलकुलेशन के बाद अगर कोई टैक्स देनदारी बनती हो, तो उसे जमा कर दें। अगर ऐसा नहीं किया तो आयकर विभाग आपको नोटिस दे सकता है।

6. विदेशी संपत्तियां हों तो उनका खुलासा करें

यदि आपने विदेश में काम किया है और आपके पास विदेशी बैंक खाते, शेयर या अन्य संपत्तियां हैं, तो इन्हें अपने ITR और शेड्यूल FA में जरूर बताएं। ऐसा न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है और ब्लैक मनी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

7. समय रहते फाइल कर दें रिटर्न

आयकर रिटर्न भरने के लिए आखिरी समय की भागदौड़ से बचें। अगर आप रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया डेडलाइन से कई दिनों पहले शुरू कर देंगे, तो अचानक किसी दस्तावेज की कमी पड़ने या आखिरी वक्त में आयकर विभाग की वेबसाइट के क्रैश होने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। आखिरी वक्त में अगर ऐसी दिक्कतें आईं तो आप 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक सकते हैं, जिसके चलते लेट फीस समेत कई दिक्कतें आ सकती हैं। 

8. रिटर्न भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें 

ITR रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्सपेयर को उसका ई-वेरिफिकेशन भी करना होता है। इसके लिए आप अपने आधार, प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ई-वेरिफिकेशन का काम 30 दिनों में पूरा करना जरूरी है। वैसे भी आप यह काम जितनी जल्दी पूरा करेंगे आपका रिफंड भी उतनी ही जल्दी जेजेनर


कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई को बीत गई। अब टैक्सपेयर्स की नजर इनकम टैक्स रिफंड पर है। अभी भी कई टैक्सपेयर्स अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 7.28 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने रिटर्न भरा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। इन टैक्सपेयर्स को अब अपने टैक्स रिफंड मिलने का इंतजार है। यहां ये बताना जरूरी है कि आपके सत्यापित आयकर रिटर्न को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से प्रॉसेस किए जाने के बाद ही आपको इनकम टैक्स रिफंड मिलेगा।

क्या है आयकर रिफंड?

टैक्सपेयर्स जब किसी वित्त वर्ष में अपनी टैक्स लायबिलिटी से अधिक टैक्स सरकार को दे देते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन्हें रिफंड जारी करता है। आमतौर पर टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स के जरिए टैक्सपेयर्स अपनी लायबिलिटी से अधिक टैक्स भुगतान कर देते हैं।

हालांकि असेसमेंट के दौरान, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सभी तरह के छूट और कटौती को ध्यान में रखकर टैक्सपेयर्स की फाइनल लायबिलिटी तय करता है। इसके बाद अतिरिक्त टैक्स भुगतान को रिफंड के रूप में टैक्सपेयर्स को वापस कर दिया जाता हैा। उदाहरण के लिए अगर वित्त वर्ष 2023-24 में आपकी की टैक्स लायबिलिटी 2 लाख रुपये बन रही है और आपने पहले ही सरकार 2.30 लाख रुपये का टैक्स भुगतना कर दिया है, तो फिर आपको 30,000 रुपये का टैक्स रिफंड मिलेगा।

कब तक आएगा टैक्स रिफंड?

टैक्सपेयर्स जब अपने ITR को ई-वेरिफाई कर लेता है, उसके बाद ही टैक्स रिफंड की प्रक्रिया शुरू होती है। आमतौर पर वेरिफिकेशन की तारीख से 4 से 5 हफ्ते में टैक्सपेयर्स के खाते में रिफंड जमा होता है, न कि 31 जुलाई की आखिरी तारीख से। इस साल ITR के प्रॉसेसिंग में देरी हो रही है, जिससे रिफंड मिलने में समय अधिक लग सकता है।

अगर आपने अपना रिटर्न दाखिल किया है और ई-वेरिफिकेशन भी कर लिया है, तो आप 4 से 5 सप्ताह में रिफंड की मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि कई मामलों में यह इससे पहले भी आ सकता है और कुछ मामलों में प्रोसेसिंग में देरी के कारण 2 महीनों तक का समय भी लग सकता है। ऐसा होने पर CPC बंगलोर के टोल फ्री नंबर्स पर अपने रजिस्टर्ड नंबर से फोन करके IVR के माध्यम से जानकारी लें।

हालांकि, अगर आपके रिटर्न में किसी तरह की अनियमितता है, तो फिर आपके रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती हैं। ऐसे मामलों में, आयकर विभाग आपको एक अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की रिक्वेस्ट कर सकता है, जिसे फिर से जांचा जाएगा और उसके बाद रिफंड जारी किया जाएगा।